Motivational story of the famous company Bata.

 


  कहते हैं कोई भी काम छोटा नहीं है जिस भी field में आप काम कर रहे हो उस काम को उस field को आप बहुत बड़े level पर ले जा सकते हो अगर आप चाहो तो, आज की story में आपको दो बातें सीखने मिलेंगी। पहली ये कि जो भी आप काम कर रहे हो वो पूरा करके ही दम लो चाहे वह कितना भी मुश्किल हो। दूसरा ये कि कोई भी दुनिया में कुछ भी कर सकता है अगर वो चाहे तो। चलो शुरू करते हैं-

  एक परिवार था जिनका काम था मोची का जूते बनाते थे सदियों से उनके सारी generation जूते ही बनाती थी उसी परिवार के एक लड़के ने सोचा कि मुझे इसी काम को बहुत ही बड़े level पर ले जाना है और अरबों की कंपनी खड़ी करनी है। उसे बहुत ताने सुनने मिले लोग मजाक बनाते थे उसकी उससे कहते थे कि पागल हो गया है क्या? दिमाग खराब हो गया है। जब तेरे बाप दादा नहीं कर पाए तो तू क्या करेगा लेकिन इस लड़के ने तो ठान लिया था कि मुझे करना है तो करना है तो उसने शुरुआत कर दी अपनी बहन और भाई के साथ मिलकर एक छोटी सी दुकान खोली जहां वो लोग जूते बेचा करते थे फिर उन्होंने कुछ लोगों को भी रख लिया जूते बेचने के लिए। उन्होंने business तो शुरू कर दिया लेकिन जरूरी थोड़ी है कि वो चलेगा ही चलेगा। जो भी पैसे उनके पास थे वो सब उन्होंने लगा दिए पर धीरे-धीरे उनका सारा धंधा down हो गया और almost 1 साल के बाद सब कुछ खत्म हो गया। पैसे भी नहीं बचे और production भी बंद हो गया और लोगों ने फिर से ताने मारना शुरू कर दिए लेकिन इस लड़के ने तो सोचा रखा था कि नहीं जब मैंने एक बार काम शुरू कर ही दिया है तो फिर पीछे मुड़ने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता मैं उस काम को करते रहूंगा चाहे कुछ भी हो जाए। पैसे नहीं है तो क्या हुआ जूते तो बना ही सकता हूं। मेरा काम है जूते बनाने का ना कि leather के जूते बनाने का।

  एक minus point था कि पैसे नहीं है पर उसने उसे plus point में बदल दिया और canvas के जूते बनाना शुरू कर दिया नई खोज कर दी और लोगों को भी यह जूते सस्ते में पढ़ते थे क्योंकि उसकी production cost कम थी और कंपनी फिर से धीरे-धीरे grow करने लगी। अब उसने सोचा कि मुझे कंपनी और grow करनी है इस तरह से काम करने से तो कुछ नहीं होगा फिर उसने बाकी companies में कैसे production होता है सब सीखा और उसे अपनी कंपनी में apply किया।   

  फिर कुछ time बाद उसके भाई की death हो गई और sister की शादी हो गई लेकिन फिर भी उन्होंने अकेले ही काम जारी रखा।

  अब world war I का time आया और उन्हें military के लिए जूते बनाने का एक बहुत बड़ा offer आया उन्हें इनके लिए 4 से 5 साल तक जूते supply करने थे और इससे उनकी कंपनी बहुत ज्यादा आगे बढ़ गई। Production बढ़ गया उन्होंने showroom बढ़ा दिया और सब कुछ settle हो गया लेकिन जैसे ही world war I end हुई तो पूरी दुनिया में financial crises हो गई जिससे उनकी company घाटे में जाने लगी। लोगों के पास पैसे नहीं थे जूते खरीदने के लिए तो वो कैसे खरीदते। फिर उन्होंने एक बहुत बड़ा decision लिया कि हम जूते का दाम 50% घटा देंगे और company employees ने भी अपने boss की condition समझ कर अपनी salary 40% कम कर दी और फिर जिस दौर में सारी companies घाटे में जा रही थी वही उस कंपनी ने बहुत ज्यादा profit कमाया।
  आज इस कपनी के 70 से ज्यादा देशों में 5300 से ज्यादा showroom है और 18 देशों में इसकी production होती है और उस company का नाम है Bata और उन भाई साहब का नाम है Tomas Bata। ये वही लड़का हैै जिसके बाप दादा वहीं बैठ कर जूते सिला करते थे।

  I hope आपको इस story से inspiration मिला होगा। आपको इससे क्या सीखना मिला comment में जरूर लिखें।

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